कोरापुट जिले के बंगलागुडा और लेंदरी मालिगुडा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 326 का एक पुल आज गिर गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं।
हीराकुंड बांध से आज शाम 40 फाटकों से बाढ़ का पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया है. ज्यादा अधिक पानी छोड़े जाने के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति और ज्यादा खराब होने की संभावना है, क्योंकि यहां महानदी पहले से ही राज्य के कई जिलों के और कई गांवों को जलमग्न कर चुकी है।
कटक जिले से महानदी के तट पर स्थित माता भट्टारिका मंदिर भी बाढ़ के पानी में डूब गया है, अब स्थानीय अधिकारियों ने इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए मंदिर प्रांगण के चारों ओर धारा 144 लागू कर दिया गया है. और वहीं कटक जिले में भी बाढ़ के पानी में एक कार डूब गई है, जबकि उसमें सवार 4 यात्रियों को सुरक्षित बचाया गया है. ये कार पुरी से लौट रही थी, उन्होंने अनजाने में कार को पानी में चला दिया था, जल स्तर इतना तेज था, कि कार पानी में डूब गई. इसके बाद दमकल क्रमचाइयो द्वारा बचाए जाने तक वे लगभग तीन घंटे तक पानी में फंसे रहे।
चार स्थान पर टूटे बांध:-
विशेष राहत-आयुक्त प्रदीप जेना ने बुधवार सुबह मीडिया जानकारी देते हुए कहा है, कि वर्ष 2011 के बाद इतना पानी पहली बार देखा गया, और अभी तक चार जगहों पर बांध टूटने की भी खबर है, इनकी मरम्मत करने का प्रयास जारी है, आने वाले 24 घंटो का समय हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है.
मुंडली में भी 12 लाख क्यूसेक पानी रूका हुआ था, जो कि वर्ष 2011 के बाद पहली बार इतना पानी रूका हुआ था, आज की सुबह 6 बजे से यहां पानी फ्लो कम हुआ है, जबकि केन्दुझर ओर जाजपुर से प्रवाहित होने वाली बैतरणी नदी के तट वर्ती इलाकों रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है, मोबाइल और मिनरल वाटर की व्यवस्था की गई है,