स्वतंत्रता दिवस , 15 August (भारत) Independence Day of India, Independence Day Speech

                            प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। १५ अगस्त १९४७ के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने, दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।


महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ। विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। भारत की जनगणना 1951 के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए।








 



इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं।
यूरोपीय व्यापारियों ने 17वीं सदी से ही भारतीय उपमहाद्वीप में पैर जमाना आरम्भ कर दिया था। अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी करते हुए ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 18वीं सदी के अन्त तक स्थानीय राज्यों को अपने वशीभूत करके अपने आप को स्थापित कर लिया था। 


1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के अनुसार भारत पर सीधा आधिपत्य ब्रितानी ताज (ब्रिटिश क्राउन) अर्थात ब्रिटेन की राजशाही का हो गया। दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) निर्माण हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद का समय ब्रितानी सुधारों के काल के रूप में जाना जाता है जिसमें मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार गिना जाता है लेकिन इसे भी रोलेट एक्ट की तरह दबाने वाले अधिनियम के रूप में देखा जाता है जिसके कारण स्वरुप भारतीय समाज सुधारकों द्वारा स्वशासन का आवाहन किया गया। इसके परिणामस्वरूप महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों तथा राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलनों की शुरूआत हो गयी।

1930 के दशक के दौरान ब्रितानी कानूनों में धीरे-धीरे सुधार जारी रहे; परिणामी चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की।अगला दशक काफी राजनीतिक उथल पुथल वाला रहा: द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की सहभागिता, कांग्रेस द्वारा असहयोग का अन्तिम फैसला और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिम राष्ट्रवाद का उदय। 1947 में स्वतंत्रता के समय तक राजनीतिक तनाव बढ़ता गया। इस उपमहाद्वीप के आनन्दोत्सव का अंत भारत और पाकिस्तान के विभाजन के रूप में हुआ।

स्‍वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन ट्रिस्ट विद डेस्टिनी नामक अपना प्रसिद्ध भाषण दिया

                                  कई सालों पहले, हमने नियति से एक वादा किया था, और अब समय आ गया है कि हम अपना वादा निभायें, पूरी तरह न सही पर बहुत हद तक तो निभायें। आधी रात के समय, जब दुनिया सो रही होगी, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा। ऐसा क्षण आता है, मगर इतिहास में विरले ही आता है, जब हम पुराने से बाहर निकल नए युग में कदम रखते हैं, जब एक युग समाप्त हो जाता है, जब एक देश की लम्बे समय से दबी हुई आत्मा मुक्त होती है। यह संयोग ही है कि इस पवित्र अवसर पर हम भारत और उसके लोगों की सेवा करने के लिए तथा सबसे बढ़कर मानवता की सेवा करने के लिए समर्पित होने की प्रतिज्ञा कर रहे हैं।... आज हम दुर्भाग्य के एक युग को समाप्त कर रहे हैं और भारत पुनः स्वयं को खोज पा रहा है। आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वो केवल एक क़दम है, नए अवसरों के खुलने का। इससे भी बड़ी विजय और उपलब्धियां हमारी प्रतीक्षा कर रही हैं। भारत की सेवा का अर्थ है लाखों-करोड़ों पीड़ितों की सेवा करना। इसका अर्थ है निर्धनता, अज्ञानता, और अवसर की असमानता मिटाना। हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की यही इच्छा है कि हर आँख से आंसू मिटे। संभवतः ये हमारे लिए संभव न हो पर जब तक लोगों कि आंखों में आंसू हैं, तब तक हमारा कार्य समाप्त नहीं होगा। आज एक बार फिर वर्षों के संघर्ष के बाद, भारत जागृत और स्वतंत्र है। भविष्य हमें बुला रहा है। हमें कहाँ जाना चाहिए और हमें क्या करना चाहिए, जिससे हम आम आदमी, किसानों और श्रमिकों के लिए स्वतंत्रता और अवसर ला सकें, हम निर्धनता मिटा, एक समृद्ध, लोकतान्त्रिक और प्रगतिशील देश बना सकें। हम ऐसी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संस्थाओं को बना सकें जो प्रत्येक स्त्री-पुरुष के लिए जीवन की परिपूर्णता और न्याय सुनिश्चित कर सके? कोई भी देश तब तक महान नहीं बन सकता जब तक उसके लोगों की सोच या कर्म संकीर्ण हैं।

ट्रिस्ट विद डेस्टिनी भाषण के अंश, जवाहरलाल नेहरू


Independence day Speech in Hindi

                     (स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में 2022) कलम आज उनकी जय बोल, जो चढ़ गए पुण्यवेदी पर बिना लिए गर्दन का मोल। भारत देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की हथकड़ियों व बेड़ियों से मुक्त हो गया था। लेकिन यह इतना आसान नहीं थी, इसके लिए ना जाने कितने क्रांतिकारियों ने हंसते हंसते अपने प्रांणो की आहुति दे दी। ना जाने कितनी बहनों के माथे का सिंदूर हमेशा हमेशा के लिए मिट गया। 15 अगस्त 1947 को निकलने वाला सूरज देश की तरफ मुस्कुराकर लोगों स्वतंत्रता दिवस की बधाई दे रहा था। इस दिन से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। कल हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। देश के हर कोने में 15 अगस्त के कार्यक्रम की तैयारियां चल रही हैं। लोग जोड़तोड़ से भाषण की तैयारी कर रहे हैं।


Jana Gana Mana

जन गण मन अधिनायक जय हे

भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंगा
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंगा
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मांगे
गाहे तव जयगाथा
जन गण मंगल दायक
जय हे भारत भाग्य विधाता
जय हे
जाया जाया जाया
ोहोरोहा तोबा ाहबाना प्रचारिता
सुनी तब उदार वाणी
हिंदू बौद्ध सिख जैन
पारसिक मुसलमान क्रिस्तानी
पूरब पश्चिम आसे
तब सिंघासन पाशे
प्रेमहारा हावये गाँठा
जाना गण ोिक्य विधायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
जय हे
जाया जाया जाया
पोटोना अभभुदया बन्धुरा पन्था
युग युग ढाबित यात्री
हे चिर सारथि
तब रथा चक्रे
मुखरित पथ दिन रात्री
दारुन विप्लब माझे
तब शंख ध्वनि बाजे
संकट दुःख त्राता
जन गण पथ परिचायक
जय हे भारत भाग्य विधाता
जय हे
जय जय जय


घोर तिमिर गहन निबिरो
निशीथे पीड़ित मूर्छित देशेय
जाग्रत छिल तब अबिचल मंगल
नतो नयन अनिमेषे
दुःस्वप्ने आतंकी
रक्षा करिए अंकीय
स्नेहमयी तुमि माता
जाना गण दुःख ट्रायक
जय हे भारत भाग्य विधाता
जय हे
जाया जाया जाया

रात्रि प्रभातील ुडिल रविचहाबी
पूरब उदय गिरी भाले
गाहे विहंगम पुन्य सुमिरण
नव जीवन रस ढाले
तब करुनारुन राज
निद्रित भारत जागे
तब चराने नत माथा
जय जय जय हे
भारत भाग्य विधाता
जय हे
जाया जाया जाया